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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद दीपक बैज द्वारा जारी की गई कार्यकारिणी की सूची अगले ही दिन विवादों में घिर गई है। दो फीसद मुस्लिम आबादी छत्तीसगढ़ में होगी जबकि इस सूची में दो ही मुस्लिम जनरल सेक्रेटरी बनाए गए हैं। इसी तरह उस ऊंचे तबके के दस महासचिव सूची में नजर आते हैं जिसकी आबादी दस फीसद होगी।
प्रदेश कांग्रेस ने अपने नए अध्यक्ष दीपक बैज की टीम का निर्धारण गुरूवार को किया था। एक सूची जारी हुई जो कि करीब 150 से अधिक पदाधिकारियों की बताई जाती है। सूची का अब पोस्टमार्टम भी किया जाने लगा है।
दलित 12 फीसदी, दो ही जनरल सेक्रेटरी
प्रदेश में दलितों की आबादी तकरीबन 12 फीसदी बताई जाती है। दलित समुदाय के दो ही जनरल सेक्रेटरी बैज की टीम में शामिल बताए गए है। वह भी सतनामी समाज से ही हैं। दलितों के अन्य वर्गों को सूची में कोई स्थान नहीं मिला है।
इसी तरह छत्तीसगढ़ की कुल आबादी का तकरीबन 32 फीसदी आदिवासी समुदाय का है। बताया जाता है कि 10 प्रमुख जनजातियों में से आदिवासियों की 3 जातियों के ही 4 महासचिव बनाए गए हैं। 23 जनरल सेक्रेटरी में महज 4 महिलाएं हैं।
प्रदेश कांग्रेस में 140 की संख्या में सचिव बनाए गए हैं जिनमें से महज 12 महिलाओं को शामिल किया गया है। वह भी कब हुआ जब कांग्रेस के जयपुर अधिवेशन में महिलाओं को 33 फीसदी प्रतिनिधित्व देने की बात कही गई थी।
झीरम में हुए नक्सली हमले सहित कई अन्य मामलों में कांग्रेस के अधिवक्ता रहे सुदीप श्रीवास्तव इस पर आश्चर्य जताते हैं। वे बताते हैं कि सर्वाधिक 24 विधानसभा सीटों वाला संभाग होने के बावजूद बिलासपुर से महज एक जनरल सेक्रेटरी बनाया गया है।
सुदीप ने कहा है कि सरगुजा संभाग जहां से 14 विधानसभा सीट आती है वहां से दो जनरल सेक्रेटरी बनाए गए हैं जो कि एक ही स्थान पत्थलगांव से हैं। प्रदेश अध्यक्ष बैज जिस बस्तर संभाग से आते हैं वहां से चार जनरल सेक्रेटरी लिए गए हैं। उन्होंने रायपुर और दुर्ग संभाग का उल्लेख करते हुए आश्चर्य जताया है कि यहां से सर्वाधिक 17 जनरल सेक्रेटरी लिए गए हैं।